मूंगा स्टोन  (Moonga)

आइए आज सबसे पहले जानते है  कि मूंगा कहा से आता है और इसे मंगल ग्रह (Mars) के लिए क्यों डालते है  |

 मूंगा स्टोन (Coral) समुन्द्र में पायी जाने वाली एक तरह की वनस्पति है जो लाल रंग (Red) की होती है इसका  रंग हल्का गाढ़ा लाल और हल्का गुलाबी हो सकता है क्यों कि ये कुदरत का दिया हुआ तोहफा है इसका रंग लाल होने की वजह से इसे मंगल ग्रह का रतन माना जाता है हमारे भारत देश में ज्योतिषी मानते है कि जिन लोगो  की कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति खराब होती है या कमजोर होती  है उनको मूंगा धारण करवा  देने से उनकी मंगल की पीड़ा शांत होती है और उसको शक्ति मिलती है | इस रतन को काफी नामो से जाना जाता है जैसे की भोम रतन, पोला, मिरजान, लता मणि, कोरल (Red coral) और परवाल के नाम से ही इसे जाना जाता है|

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मूंगा रतन किस किस राशि के लिए डाला जाता है ?

मूंगा रतन मेष राशि (Mesh Rashi) और वृश्चिक राशि (Scorpio) के लिए डाला जाता है |

मूंगा डालने के फायदे (Benefits)

1. मूंगा धारण करने से जातक को किसी तरह का डर नहीं लगता है |

2. मूंगा धारण करने से जातक के आत्मविश्वाश में वृद्धि होती है और सकारात्मक सोच बनती है |

3. मूंगा डालने से आत्मविश्वाश बढ़ने लगता है और दूसरे लोगो को देखने का नजरिया धीरे धीरे बदलने लगता है |

4. मूंगा रतन धारण करने से जातक का क्रूर होना और जलन का होना बंद हो जाता है |

              (यधपि क्रूर होना और जलन का होना ये हर जातक के साथ नहीं होता है लेकिन  बहुत बार जातक क्रूर हो जाता है और  छोटी छोटी बात पर गुस्सा करने लगता है | इसलिए मूंगा डालने से पहले किसी अच्छे ज्योतिष से सलाह जरूर ले | बिना सलाह लिए मूंगा न डाले |)


स्वास्थ्य (Health) के लिए लाभदायक मूंगा रतन 

1. मूंगा रतन धारण करने से जातक के रक्त सम्बन्धी समस्या धीरे धीरे  खतम हो जाती है |

2. जिन जातको को हिर्दय से सम्बंदित बीमारी है वो लोग मूंगा रतन धारण कर सकते है |

3. ज्योतिषी मानते है किजातक को मिर्गी या पीलिया रोग है तो उसे मूंगा धारण करना चाहये |

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कैसे पहने मूंगा !!

जैसा कि हम बोलते आये है कि किसी भी रतन को धारण करने से पहले अच्छे ज्योतिष कि सलाह जरूर ले | मूंगा रतन के फायदे और नुक्सान कुंडली में स्थित ग्रहो कि दशा पर निर्भर करता है  मूंगा मंगलवार के दिन डाला जाता है | यहाँ पर एक बात ध्यान रखने योग्य है कि मूंगा डालने से पहले ये अवश्य निर्धारित कर ले कि अंधेर तो नहीं लग रहा | क्यों कि कोई भी स्टोन अंधेर में नहीं डाला जाता है लोगो को ये बात नहीं पता होती है और ज्योतिष भी उन्हें नहीं बताते है | अंधेर और चान्दन के साथ साथ किस नक्षत्र में मूंगा डलेगा |ये भी महतवपूर्ण है | सही तरीके से डाला गया रतन कभी भी नुक्सान नहीं देता है |

मूंगा किस धातु (Metal) में डाला जाता है 

मूंगा रतन ताम्बे में या सोने में डाला जा सकता है अगर आपका सोने का बजट नहीं है या आप पहले मूंगा डालकर देखना चाहते है तो आप ताम्बे में दाल सकते है | ताम्बे या सोने में डालने से रिजल्ट में किसी तरह का कोई फर्क नहीं आता है | मूंगा चांदी में तभी धारण करे जब ज्योतिषी ने कुंडली देख कर कहा हो |

मूंगे का उपरत्न (Substitute)

वैसे तो मूंगे का कोई भी उपरत्न नहीं होता है | लेकिन ज्योतिष लोगो के अनुसार संग सितारा और लाल हकीक उपरत्न  माना जाता है | लेकिन सचाई ये है कि मूंगे का कोई भी उपरत्न नहीं होता है उपरत्न सिर्फ दिल कि तसली के लिए डलवाया जाता है | क्यों कि मूंगे के रंग में और उपरत्न के रंग में बोहोत फर्क होता है साथ ही इनकी  रासायनिक संरचना भी एक दम अलग होती है | 

मूंगा धारण करने की  विधि 

मूंगा को अभिमंत्रित करने से 2  घंटे  पहले एक कटोरी में पंचामृत डाले जैसे कि दूध, घी, शहद, दही और गंगाजल | इन  सबको एक कटोरी में डाल कर उसमे मूंगे को रख दीजिये | ये सब इतनी मात्रा में हो की मूंगा उसमे डूब सके | उसके बाद आप जिस भी भगवान को मानते है उनकी पूजा करके मंत्र का जाप 2100 बार करना है अगर आपके पास टाइम की समस्या नहीं है तो आप 5100 बार इस मंत्र का जाप कर सकते है |

मंत्र -  ऊं अं अंगारकाय नम: ।