ज्योतिष में स्फटिक को एक ऐसी जादुई माला के रूप में जाना जाता है, जिसे धारण करते ही व्यक्ति के आकर्षण में चमत्कारिक रूप से वृद्धि होती है और उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसने लगती है|
सनातन परंपरा में ईश्वर की कृपा पाने और ग्रहों से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए तमाम तरह के उपाय किये जाते हैं | इन्हीं उपायों में विभिन्न रत्नों की माला का जप या फिर उसे धारण करने के कई शुभ फल बताए गये हैं | स्फटिक की माला एक ऐसी ही जादुई माला है, जिसे धारण करते ही व्यक्ति का आकर्षण अपने आप बढ़ जाता है | स्फटिक एक पारदर्शी रत्न होता है, जो माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है| ज्योतिष के अनुसार यदि आपके जीवन में सुख-शांति और एकाग्रता की कमी हो तो आपको इस माला को धारण करना चाहिए या फिर इस माला से जप करना चाहिए | स्फटिक को कांचमणि, बिल्लौर, क्रिस्टल और क्वार्ट्ज भी कहा जाता है | इसे हीरे का उपरत्न माना गया है | शुक्र के अशुभ फल को दूर करने और उसके शुभ फल को प्राप्त करने के लिए इसे माला के साथ-साथ ब्रेसलेट, पेंडेंट आदि के रूप में धारण किया जा सकता है |
1. यदि आपको अपने प्रयासों और मेहनत का फल नहीं मिल पा रहा है, तो यह चमत्कारिक स्फटिक की माला आपके प्रयासों को सफल बना सकती है।
2. नाम, पैसा और शोहरत कमाने के लिए यह माला बहुत लाभकारी और असरकारी उपाय है। मां लक्ष्मी की कृपा से इस माला के प्रभाव से व्यक्ति को खूब पैसा मिलता है।
3. मां लक्ष्मी से संबंधित होने के कारण इस माला को पहनने से धन की प्राप्ति होती है। आर्थिक तंगी, कर्ज से मुक्ति और धन की कमी दूर करने के लिए इस माला को पहना जाता है।
4. शुक्रवार के दिन स्फटिक की माला से मां लक्ष्मी के मंत्र का जप करने पर शीघ्र ही उनकी कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक स्थिति में चमत्कारिक रूप से सुधार होता है |
5. घर की कलह को दूर करने और दांपत्य जीवन में मधुरता लाने के लिए भी आप स्फटिक की माला को धारण कर सकते हैं |
6. स्फटिक की माला मानसिक शांति, सिरदर्द, खून से संबंधित विकारों और बुखार को कम करने में भी यह माला मदद करती है।
स्फटिक माला पहनने के नियम
स्फटिक की माला के पहनने के कोई ख़ास नियम नहीं होते है इस माला को आप सिद्ध करके डाल सकते है और इस माला से आप किसी भी देवी देवता के मंत्रो का जप कर सकते है
स्फटिक माला किस दिन डाले ?
स्फटिक माला को शुक्रवार के दिन डाला जाता है। स्फटिक हीरे का उपरत्न है।
स्फटिक माला को सिद्ध या अभिमंत्रित कैसे करे ?
शुक्रवार के दिन सुबह स्नान करके आप पूजा स्थान पर बैठ जाये और माला को पूजा की थाली में रख ले। माला के ऊपर गंगाजल का छिड़काव करे और 2100 बार 'पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्निर्नाम नामत:।।' मंत्र का जाप करे। मंत्र का उच्चारण सही तरीके से करे। नहीं तो माला अभिमंत्रित नहीं हो पायेगी।
स्फटिक माला की गुणवत्ता कैसे देखे ?
स्फटिक माला रंगहीन होती है और बहुत साडी क्वालिटी में मिलती है माला जितनी पारदर्शी होगी उतनी ही महंगी होगी। 100 % पारदर्शी माला मिलना बहुत ही दुर्लभ है। इसमें जो डायमंड कट माला आती है वो बहुत ही उच्च क्वालिटी की होती है इस माला की कीमत मनके के आकार और उसकी कटाई की फिनिशिंग के आधार पर तय होती है। भारतीय मार्किट में ज्यादातर लोग स्फटिक के नाम पर कांच, प्लास्टिक या ग्लास की नकली माला बेच रहे है जिससे लेने वाले को कुछ भी परिणाम नहीं मिलता और ग्रहाक अपने आप को ठगा सा महसूस करता है।
माता लक्ष्मी की उपासना के लिए स्फटिक की माला शुभ मानी गई है। स्फटिक पंचमुखी ब्रह्मा का स्वरूप है। मां लक्ष्मी और संसार के रचयिता ब्रह्मा जी की कृपा प..
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