गौरीशंकर (Gauri  Shankar ) रुद्राक्ष क्या है, रुद्राक्ष की उत्पत्ति, इसके शक्तिशाली फायदे और इसे धारण करने की विधि ?

आज हम बात करेंगे, गौरीशंकर रुद्राक्ष क्या है (gauri shankar rudraksha benefits in hindi), इसके अत्यंत लाभकारी फायदे और इसे धारण कैसे करें ?


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रुद्राक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई – rudraksh ki utpatti 

देवी पुराण में रुद्राक्ष की उत्पत्ति का वर्णन किया गया है  एक समय की बात है एक त्रिपुरासुर नाम का राक्षस था जिसे अपने शक्तियों पर अत्यधिक घमंड हो गया था और वह चारों तरफ अच्छे और नेक लोगों को मारने पीटने लगा, ऋषियों और ब्राह्मणों के निवास स्थान को तोड़ने लगा और उनके सभी प्रकार के धार्मिक कार्यों को नष्ट करने लगा।

जब यह बात देवताओं को पता चली तो उन्होंने त्रिपुरासुर से युद्ध किया लेकिन सभी हार गए और सिर झुकाकर सभी महादेव के पास गए (उन सभी को महादेव से आशा थी कि  वे तो महाकाल हैं और वे आसानी से त्रिपुरासुर का वध कर देंगे और हुआ भी ऐसा ही) जब भगवान शिव को यह बात पता चली तो योग मुद्रा में उन्होंने अपने नेत्र को बंद किया और जब उनके नेत्र खुले तो उनके नेत्र से कुछ बूंदें इस धरती पर गिरी।

जहां-जहां भगवान शिव के अश्रु गिरे वहां-वहां रुद्राक्ष के पेड़ उत्पन्न हुए सबसे पहली बूंद से एक मुखी रुद्राक्ष उत्पन्न हुआ इसी तरह से सभी रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई। रुद्राक्ष का अर्थ – “रूद्र मतलब भगवान शिव और अक्ष मतलब आंख” इसलिए इसे रुद्राक्ष के नाम से जाना जाता है। 


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गौरीशंकर रुद्राक्ष क्या है – gauri shankar rudraksha ke Fayde

गौरीशंकर रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से जुड़े दो रुद्राक्षों के समूह को कहा जाता है इसे धारण करने से महादेव और माता पार्वती जैसे प्रेम संबंध उत्पन्न होते हैं इसे धारण करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष क्यों धारण करें – gauri shankar rudraksha ke Fayde

1. यदि आपके घर में पारिवारिक समस्याएं हैं तो यह रुद्राक्ष आपसी प्रेम में वृद्धि और परिवार में सुख शांति हेतु चमत्कारी रूप से कार्य करता है जिनके यहां पारिवारिक समस्याएं हैं वे इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करें।

2. अभमंत्रित रुद्राक्ष को अपने घर या दुकान की तिंजोरी में रखने से व्यापार में वृद्धि और घर में सुख शांति का आगमन होता है।

3. आध्यात्मिक व्यक्ति इस रुद्राक्ष को चांदी की कैप  बनाकर गले में अवश्य धारण करें इसे धारण करने से ईश्वर प्रेम में वृद्धि होती है और अध्यात्म में बढ़ोत्तरी होती है जिससे मोक्ष आसानी से प्राप्त होता है।

4. जिनके घर में गौरीशंकर रुद्राक्ष होता है वहां नकारात्मक प्रभाव नहीं होते और हमेशा नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा रहती है इसीलिए लोगों को चाहिए कि वे अपने घर में गौरीशंकर रुद्राक्ष अवश्य रखें।

5. गौरी शंकर रुद्राक्ष (gauri shankar rudraksha) धारण करने से मन में शांति और हमेशा स्वास्थ्य अच्छा रहता है इसे धारण करने से जल्दी स्वास्थ्य खराब नहीं होता जिससे व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहता है।

6. वे स्त्री या पुरुष जिन्हें यौन समस्या है वो इसे अवश्य धारण करें उनकी समस्या का अंत अवस्य होगा।

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गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की विधि ?

गौरीशंकर रुद्राक्ष (gauri shankar rudraksha) धारण करने से पूर्व “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का 1100 बार जाप करें ।

ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करने के पश्चात भगवान शिव का स्मरण कर इस रुद्राक्ष को धारण करें।

इस रुद्राक्ष को चांदी या सोने का कैप  बनवाकर लाल धागे या  पीले धागे में डालकर पहनें।

गौरीशंकर रुद्राक्ष को रविवार, सोमवार या शिवरात्रि में पहनें।

इस रुद्राक्ष को पहनने से पहले गंगाजल या दूध से शुद्ध कर लें।






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