वैसे तो रुद्राक्ष कई प्रकार के होते है, तथा उनका अपना महत्व होता है। पर क्या आप जानते है, रुद्राक्षों में सात मुखी रुद्राक्ष होता है जो अपने आप में बहुत ही विशेष और प्रभावशाली रुद्राक्ष है। माँ लक्ष्मी का इस पर आशीर्वाद होता है। यह महालक्ष्मी का स्वरुप माना जाता है। महाशिव पुराण में कहा गया है कि इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक के ऊपर शनि ग्रह की शुभ दृष्टि तथा विशेष कृपा बनी रहती है। धन सम्बंधित दिक्कतों को यह रुद्राक्ष शीघ्र ही दूर करता है। सात मुखी रुद्राक्ष धन की स्थिति को मजबूत करने का कार्य करता है |
रुद्राक्षों में सात मुखी रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। धर्म-शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि सात मुखी रुद्राक्ष साक्षात् धन की देवी माँ लक्ष्मी का स्वरुप है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में धन से सम्बंधित सभी कष्ट व संकट दूर हो जाते हैं, आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, इसके साथ ही सात मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति के जीवन में धन का अन्धकार दूर कर उसमे धन का प्रकाश भरता है। यह अचूक धन प्राप्ति के लिए उत्तम माना गया है। इसके धारण करने से जातक कर्जमुक्त और करियर में ग्रोथ करता है।
यदि कुंडली में शनि कमजोर हो अथवा अस्त हो तो सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करना लाभदायक होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष का स्वामी शनि है। इसी कारण सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद जातक को धन, वैभव, सफलता की प्राप्ति होती है। इसे धारण करने के बाद व्यक्ति की धन की स्थिति बेहतर होती है तथा व्यक्ति का जीवन ऐशोआराम से व्यतीत होता है। शनि ग्रह का आशीर्वाद उसको वैभवशाली जीवन जीने के लिए मदद करता है। मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए यह सात मुखी रुद्राक्ष बहुत ही लाभकारी होता है।
जिस रुद्राक्ष पर माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद हो उसको धारण करने वाला व्यक्ति किसी भी हाल में धन से अछूत नहीं रह सकता है। महालक्ष्मी के आशीर्वाद और शनि देव की सहायता से धारण कर्ता का जीवन धन-धान्य से भर जाता है। कर्ज की स्थिति से छुटकारा मिलता है। इस रुद्राक्ष के प्रभाव से अचानक धन की प्राप्ति होती है। धन आने के स्रोत उत्पन्न हो जाते है। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति मंदी है, बार बार कर्ज की स्थिति का सामना करना पड़ता है, ऐसे लोगों को सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए तथा अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करनी चाहिए। यह अचूक धन प्राप्ति के लिए उत्तम माना गया है। जो जातक धन की कमी का सामना कर रहे है, उनके लिए माँ लक्ष्मी स्वरुप सात मुखी रुद्राक्ष किसी वरदान से कम नहीं है।
भाग्योदय के लिए
ऐसे जातक जिनका भाग्य उनका साथ नहीं देता तथा व्यापार-व्यवसाय, कामकाज आदि में रूकावटे उत्पन्न करता है, अधिक लाभ नहीं होता है ऐसे जातकों के लिए सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य ही धारण करना चाहिए क्योंकि इस रुद्राक्ष के प्रभाव से जातक का भाग्योदय होता है। कामकाज में आनेवाली सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। गरीबी दूर होती है तथा जीवन में धन-सम्पदा, यश, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है, इस रुद्राक्ष में माँ लक्ष्मी का वास होता है जो व्यक्ति का भाग्योदय कराता है। भाग्योदय के बाद जातक के जीवन में कभी भी दरिद्रता या दुःख उत्पन्न नहीं होते।
शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है
शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है, जो जैसा करता है, शनि देव उसे वैसा ही फल देते है। सात मुखी रुद्राक्ष पर शनि देव का प्रभाव माना गया है इसलिए जो जातक मानसिक पीड़ा भोग रहा है या जिसकी कुंडली में शनि अशुभ घर में बैठकर अशुभ फल प्रदान कर रहे है, या शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या चल रही हो तो ऐसे जातकों को शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को ख़त्म कर शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए, इसके प्रभाव से जातक पर शनि देव की शुभ दृष्टि बनी रहती है, शनि के प्रकोप से उसे मुक्ति मिलती है।
स्वास्थ्य के लिए वरदान
सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला जातक कभी भी लम्बी बीमारी की चपेट में नहीं आता, क्योंकि सात मुखी रुद्राक्ष पर शनि देव का आशीर्वाद होता है, माता लक्ष्मी इसमें वास करती है, इसलिए मानसिक रूप से पीड़ित या परेशान हों या जोड़ों के दर्द से राहत नहीं मिल रही है, उनके लिए यह रुद्राक्ष लाभदायक एवं स्वास्थ्यवर्धक होता है। यह रुद्राक्ष सर्दी,-जुकाम, पेट दर्द, हड्डी-मांसपेशियों में दर्द, मिर्गी, अस्थमा, गठिया दर्द जैसे रोगों को कम करने में सहायता करता है, इन बीमारियों से आप भी परेशान है तो सात मुखी रुद्राक्ष आपके लिए ही है।
सात मुखी रुद्राक्ष सोमवार या शनिवार के दिन धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व एक कटोरी में गंगाजल, दूध, देसी घी, शहद और मिश्री को घोल ले और उसमे रुद्राक्ष को रख दे। ये मिश्रण की मात्रा इतनी हो की रुद्राक्ष उसमे डूब जाये। फिर इस मंत्र "ओम हुं नमः” का 1100 बार जप करने के बाद रुद्राक्ष को धुप या अगरबत्ती दिखा कर गंगाजल से धो कर और शिवलिंग से छु कर धारण कर लीजिये।
1 Comment(s)
My DOB 13/06/1987aap bataye abhi konsa rudraksh pahnna chahiye
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