लाजवर्त के अलौकिक गुणइस उपरत्न को धारण करने से मानसिक क्षमता का विकास होता है. मस्तिष्क शांत रहता है. मस्तिष्क में स्पष्टता रहती है. पुरुषार्थ का विकास होता है. अध्यापन कार्य से जुडे़ व्यक्तियों के लिए यह उपरत्न उनकी क्षमताओं में वृद्धि करता है और वह अपने कार्य पर अपना पूर्ण ध्यान केन्द्रित करते हैं..
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