06 May
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श्री विद्या की पूजा भारत में अति प्राचीन काल से ही प्रचलित रही है। आदि शंकराचार्य के शिक्षक स्वामी ग्वारपद श्री विद्या के उपासक थे। उन्होंने श्री विद्या की पूजा में शंकर को दीक्षित किया और शंकर ने इस विषय पर एक बहुत ही ज्ञानवर्धक पुस्तक लिखी, जिसे सौंदर्य लाहिड़ी कहा जाता है। श्री विद्या की पूजा शाक्तों, वेदांताचार्यों, वैष्णवों और शैवों के बीच लोक..